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इसके बारे में और जानें

कुनो राष्ट्रीय उद्यान

कुनो राष्ट्रीय उद्यान, मध्य भारत की विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला को शुशोभित करता है । यह एक दुर्लभ किस्म का जंगल है जिसे एक चट्टानों से भरे भू दृश्य के बीच स्तिथ जंगली जानवरों और पेड़ पौधों का स्वर्ग कहना गलत नहीं होगा । इस जगह से जुडी कहानियां और किवदंतियां समय जितनी ही पुरानी लगती हैं और यहाँ के निवासी जानवर और पेड़-पौधे आपको अनगिनत बेमिसाल किस्से सुना सकते हें । यह जगह प्राचीन किलों, मंदिरों और संरचनाओं से भरी हुई है, जिनहे अब जंगल ने अपने आगोश मे समा लिया है । लहलहाते हरे भरे पेड़ों, जिसमे करधई , खैर और सलाई के पेड़ों की अधिकता है, और अनगिनत शाकाहरी जानवरों, चहचहाते पक्षियों के बीच बहती कुनो नदी और अन्य जानवरों से भरा यह अद्भुत संसार किसी को भी मंत्र मुग्ध कर सकता है। यह राष्ट्रिय उद्यान, यहाँ बहने वाली कुनो नदी से ही अपना नाम प्राप्त करता है जो अपने आप मे इस जगह के सालों पुराने इतिहास की साक्षी है और यहाँ के पुनर्जीवन जंगलों के पुनर्जीवन और उत्थान की कहानी की गवाह भी है|

डाक्यूमेंट्री

कुनो राष्ट्रीय उद्यान

कूनो नेशनल पार्क की विशेषताएँ

वनस्पति

करधई, सलई और खैर के अधिकता वाले जंगल

जैव विविधता

अद्वितीय जैव विविधता एवं सघनता

सिंह पुनर्स्थापना स्थल

एशियाई सिंह प्रजाति की पुनर्स्थापना के लिए चयनित जंगल

त्वरित जानकारी

अपनी यात्रा की योजना बनाएं

कुनोराष्ट्रीय अभ्यारण मानसून ऋतु के अलावा पूरे साल पर्यटकों के लिए खुला रहता है | क्यूंकि अभ्यारण उश्नाकतिबंधीय वातावरण एवं जगह मैं स्थित है और उसके भूगोलिक स्थिति के कारण अभ्यारण मैं जाने के लिए अक्टूबर से मार्च महीने का समय सर्वोत्तम है|

कैसे पहुंचें

कुनोराष्ट्रीय अभ्यारण मैंने तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं- अहेरा, पीपल बावड़ी और टिकटोली | पर्यटक ग्वालियर तक विमान के द्वारा पहुँच सकते हैं जो इन तीनो ही प्रवेश द्वार से निकटतम हवाई अड्डा है | ग्वालियर , सवाई माधोपुर, कोटा, जयपुर और झांसी रेल यात्रा हेतु निकट के शहर हैं|

क्या देखें

कुनो में कुछ बहुत ही दिलचस्प जगह हैं जो इस राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों को अत्यंत आकर्षित करेंगे। यह अभ्यारण स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय रूप से कुनो पालपुर के रूप से जाना जाता है| पालपुर दरअसल अभ्यारण के अंदर से स्थानांतरित पहला गाँव था जिसे पार्क से विस्थापित किया गया था और यह गाँव “पालपुर की गढ़ी” के नाम से प्रसिद्ध एक किले के आस पास बसा था | पर्यटकों के लिए डूब कुण्ड , कुनो नदी, कांजी घर, केर खो कुछ दुसरे रुचिकर स्थान भी हैं|

रहना

पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार के आवास उपलब्ध हैं जिन्हें वर्तमान में DFO कुनो कार्यालय के माध्यम से बुक किया जा सकता है। बाकी घरों के आरक्षण का अधिकार CCF लायन प्रोजेक्ट और DFO कुनो, श्योपुर के पास है। विशेष परिस्थितियों में पर्यटकों का आरक्षण वन और वन्यजीव संरक्षण के हित में रद्द किया जा सकता है या वीआईपी के दौरे जैसे माननीय न्यायाधीशों, मंत्रियों, विभाग के प्रमुख आदि के मामले में रद्द किया जा सकता है।

कूनो नेशनल पार्क आयें, इसके समृद्ध इतिहास, उत्तम जंगल, हरे-भरे पेड़ों, चाह्चाते पक्षियों और उन्मुक्त जानवरों को निहारें और कुनो की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो जाएं।

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